पति को खाना खिलाकर नौकरी पर भेजा दरवाजा बंद कर खुद को आग लगा ली

उज्जैन :- देसाईनगर के जोन चार में रहने वाले विक्रम माकोड़े की पत्नी वीणा (50) ने सोमवार सुबह घर में खुद को आग लगा ली। नाजुक हालत में उसे जिला अस्पताल लाया गया। 1.30 घंटे तक चले इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया। परिजन भी आग लगाने का कारण नहीं बता पाए। फिलहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद तफ्तीश शुरू कर दी है।

स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की नागदा शाखा में विक्रम नौकरी करते हैं। रोजाना की तरह वह सोमवार सुबह सात बजे नागदा के लिए घर से निकल गए। घर में पत्नी वीणा अकेली थीं। मकान के निचले हिस्से में उनका भतीजा दीपक परिवार समेत रहता है। बगल में ही दीपक के भाई और भाभी रहते हैं। दीपक ने बताया सुबह करीब 9.30 बजे अंकल के घर से चीखने की आवाज आई। चीख सुनकर वह तेजी से ऊपर पहुंचा। दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांका तो देखा आंटी (वीणा) आग की लपटों में घिरी हैं। पूरे घर में दौड़ लगा रही हैं। दरवाजा तोड़ने की कोशिश की लेकिन टूटा नहीं। उसके बाद पड़ाेसियों और सड़क पर जा रहे लोगों को आवाज लगाकर बुलाया। दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसे तो आंटी बाथरूम के पास पड़ी थीं। उन्हें कंबल में लपेट कर अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजन बोले : सब ठीक फिर भी पता नहीं आत्मघाती कदम क्यों उठाया

दीपक ने बताया उसके अंकल-आंटी के कोई संतान नहीं है। घर में भी सब ठीक हैं। काेई तनाव नहीं। किसी से झगड़ा नहीं। किसी चीज की कमी नहीं है। फिर आंटी ने इतना बड़ा कदम क्यों उठा लिया, यह पता नहीं चला। दीपक का कहना है आंटी की बातों से भी कभी यह नहीं पता चला कि वह इतनी परेशान हैं कि सुसाइड करने की नौबत बन जाएगी। दीपक ने बताया आंटी ने राेज की तरह अंकल के लिए खाना बनाया। खाना खाकर अंकल नागदा चले गए। घर में केराेसिन कहां से आया, यह भी पता नहीं क्योंकि घरेलू गैस पर खाना पकता है।

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